
राजधानी दिल्ली में सीयसात गरमा गई है। दिल्ली के निजी अस्पतालों को सभी मरीजों के लिए खोले जाने पर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।
मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मसले को उपराज्यपाल के सामने उठाया। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली कैबिनेट का फैसला पलटने वाले उपराज्यपाल के पास मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पतालों को लेकर न तो कोई योजना है और न ही इस बारे में कोई प्रामाणिक आंकड़े हैं।
बतादें कि, डीडीएमए की बैठक के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिस तेजी से दिल्ली में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उससे लगता है कि 30 जून तक एक लाख संक्रमित होंगे और 15 हजार बेड की जरूरत होगी। जबकि 15 जुलाई तक मरीजों की संख्या 2.25 लाख और बेड की जरूरत 33 हजार होगी। 31 जुलाई तक यही आंकड़ा बढ़कर 5.50 लाख तक पहुंचने के आसार है। इस हालात में मरीजों के लिए 80 हजार बेड की जरूरत होगी।