
विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापस लाने के लिए भारत सरकार ने वंदे भारत मिशन और ऑपरेशन समुद्र सेतु लॉन्च किया हुआ है। जिसके तहत पूरी सुरक्षा जांच के बाद नागरिकों को देश लाया जा रहा है। इसी कड़ी में मालदीव की राजधानी माले से 698 भारतीयों को वापस लेकर आईएनएस जलाश्व रविवार को कोच्ची हार्बर पहुंचा। वहीं सिंगापुर से एयर इंडिया का एआई343 विमान 243 यात्रियों को लेकर मुंबई पहुंच गया है।
पुलिस महानिरीक्षक विजय सखारे का कहना है कि, विदेश से लाए गए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं। इनमें केरल के 440 लोग और बाकी देश के अन्य हिस्सों के लोग हैं। चार यात्री लक्षद्वीप के हैं। इनके अलावा तमिलनाडु के 187, तेलंगाना के नौ, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के आठ-आठ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान के तीन-तीन और गोवा एवं असम के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
मालदीव में भारतीय समाज के लगभग 27,000 लोग रहते हैं। इसमें से लगभग 4500 लोगों ने भारत लौटने की इच्छा जताई है। लगभग 800 किलोमीटर की दूरी में फैले 200 द्वीपों में भारतीय लोग बसे हुए हैं। फिलहाल मालदीव के माले में भी पूरी तरह से लॉकडाउन लागू है। लोगों को लाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग और अन्य जरूरी जांच की गई है, उसके बाद ही उन्हें शिप पर चढ़ाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, INS जलाश्व और INS मगर के जरिए लगभग दो हजार भारतीयों को वापस लाया जाएगा। इसके लिए ये दोनों युद्धपोत कोच्चि और तूतीकोरिन के लिए दो-दो चक्कर लगाएंगे। मालदीव से लोगों को लाते समय वरिष्ठ नागरिकों, बेरोजगारों, गर्भवती महिलाओ, अस्वस्थ लोगों और फैमिली इमर्जेंसी से संबंधित लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
कोविड-19 की वजह से उज्बेकिस्तान में फंसे भारतीयों को वंदे भारत अभियान के तहत स्वदेश लाया जाएगा। ताशकंद में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने यात्रियों की थर्मल चेकिंग की। यह जानकारी उज्बेकिस्तान में मौजूद भारतीय राजदूत संतोष झा ने दी।