
कश्मीर घाटी में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इसमें हिज्बुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर रियाज नायकू मारा गया है। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक, आतंकी रियाज नायकू को मार गिराया गया है। सेना की लिस्ट में रियाज नायकू को A++ कैटिगरी का आतंकवादी था और उसके सिर पर 12 लाख का इनाम था। नायकू किसी वक्त में मैथ टीचर था फिर वह आतंकी बन गया।
रियाज अहमद नायकू (35 साल) बेहद कम वक्त में हिज्बुल का अहम हिस्सा बन गया था। पुलिस अफसरों के परिवार के लोगों का अपहरण, आतंकी के मरने पर बंदूकों से सलामी इन चलनों को उसने ही शुरू किया था, जिससे हिज्बुल और खतरनाक होता जा रहा था। अपनी छवि की वजह से नायकू ने कई कश्मीरी युवाओं को आतंक की राह पर चलाया।
मंगलवार को उस घर के बाहर घेराबंदी की गई थी, जहां नायकू के छिपे होने की खबर मिली थी। हालांकि, शुरुआत में घेराबंदी करने पर किसी तरह की फायरिंग नहीं हुई। इसके बाद भी सुरक्षाबलों ने घेराबंदी नहीं हटाई और ऑपरेशन पूरे दिन चलता रहा। बाद में सुरक्षा बलों ने 40 किलो आईईडी से उसके घर को उड़ा दिया। इसमें नायकू और उसका साथी आदिल मारा गया।
बुधवार सुबह आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। नायकू पहले घर की छत पर बने एक ठिकाने में छिपा हुआ था। फिर वह सुरक्षा बलों पर फायर करते हुए नीचे उतरा। उसका मारा जाना सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी है। कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान पर इसका अच्छा खासा असर पड़ेगा।
रियाज नायकू कश्मीर में सबसे ज्यादा समय तक सक्रिय रहने वाला आतंकी था। वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था। उसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की ए++ कैटेगरी में रखा गया था। उस पर 12 लाख रुपए का इनाम भी था। वह कई पुलिसकर्मियों की किडनैपिंग और उनके मर्डर में शामिल था।
35 साल का नायकू मैथ्स टीचर था। बाद में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी कमांडर बन गया। 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के तुरंत बाद नायकू ही हिजबुल का कमांडर बना था। बुरहान की तरह नायकू भी आतकंवाद फैलाने के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करता था। वह कश्मीर के पुलवामा का ही रहने वाला था और सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में पहले नंबर पर था।