
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। राजधानी दिल्ली में रोजाना 150 से भी कम कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच दिल्ली के आम आदमी पार्टी सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों, स्वायत्त निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों और स्थानीय निकायों के निर्णय में 100 प्रतिशत की कर्मचारियों के साथ कार्यालय खोलने की इजाजत दे दी है।
साथ ही ये भी आदेश दिया है कि किसी कर्मी के कोरोना होने पर कार्यालय को सील न किया जाये। पिछले दिन में कोरोना के मामलों में कमी आने पर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह आदेश दो दिन पहले ही जारी कर दिया था, जिसे मंगलवार से ही दिल्ली सरकार द्वारा लागू कर दिया गया।
इसके तहत दिल्ली सरकार ने सभी कर्मचारियों के लिए कार्यालय आना अनिवार्य कर दिया है। आप को बता दे कि ये निर्णय दैनिक कोरोना मामले में आयी कमी के कारन के लिया गया है।
नए नियम के अनुसार अगर किसी कार्यालय में कोई व्यक्ति संक्रमित पाया गया है तो उनके बैठने के स्थान पर साथ ही संक्रमित व्यक्ति 48 घंटे में जहां-जहां गए हैं उन स्थानों को संक्रमण मुक्त करना होगा। अगर कार्यस्थल पर कोरोना के ज्यादा मरीज मिलते हैं तो पूरे ब्लाक या पूरे भवन को संक्रमण मुक्त करना होगा।
आप को बता दें कि पिछले साल 28 नवंबर को अपने आदेश में DDMA ने ग्रेड- I को छोड़कर दिल्ली सरकार के कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी की थी, बाकी 50 प्रतिशत अधिकारियों को होम से काम करने का आदेश दिया गया था।
नवीनतम आदेश में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय 100 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या के साथ कार्य करेंगे, जो तत्काल प्रभाव से सभी स्तरों पर पर्याप्त सामाजिक भेद सुनिश्चित करेंगे।
नए नियमों के अनुसार कंटेनमेंट जोन में अब भी सभी कार्यालय बंद रहेंगे, सिर्फ मेडिकल व जरूरी सेवाओं को अनुमति मिलेगी। यहां पर मास्क व दो गज दूरी नियमों का सख्ती से पालन होगा और कार्यालय में प्रवेश के पूर्व हर व्यक्ति की थर्मल जांच होगी।
कार्यालय के बाहर सैनिटाइजर रखना होगा और बिना लक्षण वाले कर्मचारियों व आगंतुकों को ही प्रवेश मिलेगा। कार्यालय में कोई संक्रमित मरीज मिल जाता है तो प्रबंधन तुरंत उसे अलग जगह रखेगा। स्वास्थ्य विभाग ऐसे कार्यालयों में जोखिम का आकलन करेगा।