
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अम्फान चक्रवात के बाद पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचे। यहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनका स्वागत किया। 83 दिनों के बाद यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री दिल्ली से बाहर गए हैं। उनका आखिरी दौरा 29 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और चित्रकूट का था। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रमों में शिरकत की लेकिन वे दिल्ली से बाहर नहीं गए। बंगाल के तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने के बाद प्रधानमंत्री ओडिशा का भी दौरा करेंगे।
पीएम मोदी ने केंद्र की तरफ से बंगाल को 1 हजार करोड़ रुपये मदद का ऐलान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि बंगाल फिर से उठ खड़ा होगा। पीएम मोदी ने कहा कि वह इस दुख की घड़ी में पश्चिम बंगाल के साथ हैं। पीएम ने कहा कि बंगाल कोरोना और अम्फान जैसी दो आपदाओं से एकसाथ लड़ रहा है।
पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष से तूफान में मारे गए लोगों को 2 लाख रुपये के मुआवजा का ऐलान किया जबकि घायलों को 50 हजार रुपये की घोषणा की। पश्चिम बंगाल कोरोना और अम्फान दो समस्याओं से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने का मंत्र है जो जहां है वहीं रहे। लेकिन तूफान का मंत्र है कि जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कर जाइए। दोनों अलग-अलग प्रकार की लड़ाई एकसाथ पश्चिम बंगाल को लड़नी पड़ी है। भारत सरकार को ममता को जो भी जरूरी मदद होगी वह देगी।
साइक्लोन की संभावनाओं से लेकर लगातार मैं इससे सभी संबंधित लोगों के संपर्क में था। तूफान का कम से कम असर हो इसका हमने पूरी कोशिश की। लेकिन बावजूद इसके 80 लोगों की मौत हुई है।